
मुख्यमंत्री श्री साय ने किया भगवान बिरसा मुंडा का स्मरण:जनजातीय गौरव दिवस पर बस्तर पहुंचे मुख्यमंत्री….
रायपुर 15 नवंबर 2025/ धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के पावन अवसर पर आयोजित जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आज जगदलपुर के सिटी ग्राउंड में विभिन्न जनजातीय समाज के प्रमुखों द्वारा आत्मीय स्वागत किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री का पारंपरिक सिहाड़ी माला, पगड़ी (साफा) और एक विशाल गजमाला भेंट कर सम्मान किया गया, जिसने पूरे आयोजन में सांस्कृतिक उल्लास भर दिया।

मुख्यमंत्री ने सिटी ग्राउंड, जगदलपुर में बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी और भगवान बिरसा मुंडा के छायाचित्र सहित जनजातीय देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना कर जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके पश्चात अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन जनजातीय समुदाय के समग्र विकास के लिए पूरी तरह संकल्पित है।
मुख्यमंत्री ने जनजातीय उत्थान और सम्मान के लिए उठाए गए ऐतिहासिक राष्ट्रीय कदमों का स्मरण करते हुए कहा कि जनजातीय कल्याण की दिशा में तीन बड़े मील के पत्थर रखे गए हैं। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के दूरदर्शी नेतृत्व को याद किया, जिनके कार्यकाल में ही आदिवासी बहुल छत्तीसगढ़ और झारखंड राज्यों का गठन किया गया। मुख्यमंत्री ने इसे जनजातीय पहचान को सम्मान देने और उनके त्वरित विकास की दिशा में युगांतरकारी निर्णय बताया। इसके अतिरिक्त, वाजपेयी जी ने ही जनजातीय हितों की रक्षा और विकास हेतु एक अलग ‘जनजातीय कार्य मंत्रालय’ का गठन किया। मुख्यमंत्री ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी आभार व्यक्त किया, जिन्होंने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ घोषित कर पूरे राष्ट्र में जनजातीय नायकों के सम्मान की एक ऐतिहासिक परंपरा स्थापित की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समुदाय के ‘धरती आबा’ के नाम से पूजनीय बिरसा मुंडा ने 19वीं सदी के अंत में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन और स्थानीय शोषकों के खिलाफ एक अभूतपूर्व क्रांति का सूत्रपात किया था, जिसे इतिहास में ‘उलगुलान’ के नाम से जाना जाता है।
