
राजनांदगांव । अप्रशिक्षित आरक्षकों को पुलिस अधीक्षक तथा अन्य अधिकारियों द्वारा भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम के संबंध में जानकारी दी गई है।
एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन रक्षित केन्द्र राजनांदगांव के मंगल भवन में आयोजित किया गया। जिसमें पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव मोहित गर्ग एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ऑप्स) मुकेश ठाकुर द्वारा नए कानून भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के विषय पर 370 से अधिक अप्रशिक्षित आरक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया।
पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने कहा कि आरक्षक आम नागरिकों और कानून व्यवस्था के बीच पहला संपर्क होते हैं, अतः उन्हें नवीन कानूनों की जानकारी होना आवश्यक है। ताकि वे प्रभावी ढंग से संवाद कर सकें। घटनास्थल पर पहुंचने के बाद आरक्षक को यह समझना जरूरी है कि नई प्रक्रिया में किन बातों का ध्यान रखना है। जैसे इलेक्ट्रानिक साक्ष्य का सुरक्षित संग्रहण। आम नागरिकों को भी नए कानूनों की जानकारी देना पुलिस की जिम्मेदारी है, जिसमें आरक्षक अहम भूमिका निभाते हैं। नवीन कानूनों में नागरिकों के अधिकारों का विशेष ध्यान रखा गया है, जिसे समझकर आरक्षक संवेदनशीलता के साथ अपनी ड्यूटी निभा सकें। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आरक्षकों के ज्ञानवर्धन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रहा, जिससे वे नवीन विधानों के अनुरूप अपनी भूमिका को बेहतर ढंग से निभा सकेंगे। पुलिस अधीक्षक ने अपेक्षा जताई कि सभी इन कानूनों की गहराई से जानकारी लेकर इसे अपने व्यवहार में लायेंगे।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ऑप्स) मुकेश ठाकुर द्वारा इस अवसर पर कहा कि कानूनों में समय-समय पर होने वाले परिवर्तनों के कारण आरक्षकों निरंतर अद्यतन रहना आवश्यक है, ताकि वे न्यायिक प्रक्रिया में अपनी भूमिका को प्रभावी ढंग से निभा सकें। इस तरह के प्रशिक्षण सत्र न केवल दक्षता को बढ़ाते हैं, बल्कि न्याय प्रणाली में पारदर्शिता और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने में भी सहायक होते हैं। उनको जागरूक कर उनकी क्षमता को विकसित कर प्रभावी कार्य करने के लिए समस्त अप्रशिक्षित आरक्षकों को प्रेरित किया।