
राजनांदगांव। आज 21 जून को विश्वभर में मनाए जा रहे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर हम सभी भारतवासियों के लिए यह अत्यंत गर्व का विषय है कि योग जो भारत की प्राचीन विरासत है। आज संपूर्ण विश्व में स्वास्थ्य, शांति और संतुलन का प्रतीक बन चुका है।
जिनके अथक प्रयासों और वैश्विक मंच पर योग के संदेश के प्रचार-प्रसार से संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2014 में 21 जून को “अंतरराष्ट्रीय योग दिवस” के रूप में घोषित किया।
11 वाँ योगदिवस वनअर्थ-वनहेल्थ
स्वामी जी के आह्वाहन को चरितार्थ कर प्रतिदिन योग का संकल्प ले कर अपने जीवन को सफल बनाए।
पतंजलि योग परिवार का निवेदन…
हम सभी नागरिकों, युवा वर्ग, विद्यार्थियों व सामाजिक संगठनों से अनुरोध करते हैं कि वे नियमित योग को अपनाएं और “योग से निरोग” भारत की ओर कदम बढ़ाएं।
योग:- शरीर, मन और आत्मा का समन्वय
योग केवल आसनों/कसरत का नाम नहीं है, बल्कि यह एक जीवन-पद्धति है । एक ऐसा विज्ञान, जो हमें हमारे शरीर, मन और आत्मा के बीच संतुलन स्थापित करना सिखाता है। “योग” शब्द की उत्पत्ति संस्कृत धातु “युज्” से हुई है, जिसका अर्थ है जुड़ना — आत्मा का परमात्मा से, जीवन का चेतना से जुड़ाव।
भगवद गीता में श्रीकृष्ण ने योग को “कौशलम् कर्मसु” अर्थात् “कर्मों में कुशलता” बताया है।
पतंजलि ने योग को चित्तवृत्ति निरोध की विधा कहा अर्थात् मानसिक विक्षेपों को शांत करना।
योग के आठ अंग – यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि – हमें एक समग्र और अनुशासित जीवन की ओर ले जाते हैं। ये न केवल शारीरिक स्वास्थ्य, बल्कि मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति भी प्रदान करते हैं।
आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में, जहां चिंता, तनाव और बीमारियाँ बढ़ रही हैं, योग एक संजीवनी की तरह कार्य करता है। यह हमें अंदर से मज़बूत बनाता है, हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और हमें वर्तमान में जीना सिखाता है।
हम सौभाग्यशाली हैं कि भारत जैसे महान देश में जन्मे हैं, जहाँ योग की दिव्य परंपरा हज़ारों वर्षों से चली आ रही है। महर्षि पतंजलि, स्वामी रामदेव और स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे महान योग प्रचारकों ने इसे विश्वव्यापी पहचान दिलाई है। आज 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाना, भारत की इस अमूल्य देन को वैश्विक स्तर पर स्वीकार करने का प्रमाण है।
योग न केवल व्यायाम है,यह जीवन जीने की कला है।
आइए, हम सब मिलकर योग को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाएं और स्वस्थ, शांत और समरस समाज की ओर कदम बढ़ाएं।
जिला राजनांदगांव पतंजलि योग समिति परिवार ने आज 21 जगहों (स्कूल्स,कालेज,हास्पिटल)पर योग साधकगण प्रोटोकाल योगाभ्यास कराए।