पुनरीक्षित हॉफ बिजली बिल योजना, राजनांदगांव रीजन के 04 जिलों के 03 लाख 38 हजार सामान्य और कमजोर वर्ग के उपभोक्ताओं को मिलेगा पूर्ववत लाभ……

01 लाख 17 हजार बीपीएल परिवारों को मिलती रहेगी मुफ्त बिजली की सुविधा, सौर ऊर्जा से आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस कदम

राजनांदगांव, 05 अगस्त – छत्तीसगढ़ सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं को राहत देने वाली हॉफ बिजली बिल योजना के अंतर्गत दी जाने वाली 400 यूनिट की मासिक छूट की सीमा में युक्तियुक्त संशोधन करते हुए अब 100 यूनिट तक की मासिक खपत पर 50 प्रतिशत की रियायत देने का निर्णय लिया है। पुनरीक्षित हॉफ बिजली बिल योजना के तहत राजनांदगांव क्षेत्र के अंतर्गत राजनांदगांव में जिलें में कुल 01 लाख 34 हजार उपभोक्ता (जिसमें 23 हजार 216 बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे भी शामिल) खैरागढ़-छुईखदान-गंड़ई जिलें में कुल 56 हजार 33 उपभोक्ता (जिसमें 14 हजार 512 बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे भी शामिल), मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी जिलें में कुल 46 हजार 952 उपभोक्ता (जिसमें 22 हजार 184 बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे भी शामिल) एवं कबीरधाम जिलें में कुल 01 लाख 02 हजार उपभोक्ता (जिसमें 56 हजार 626 बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे भी शामिल) जरूरतमंद सामान्य एवं कमजोर वर्ग के उपभोक्ताओं को योजना का लाभ पूर्ववत मिलता रहेगा।

गौरतलब है कि वर्तमान में प्रदेश में लगभग 45 लाख घरेलू उपभोक्ता परिवार हैं, जिनमें से 31 लाख परिवारों की मासिक खपत 100 यूनिट से कम है। यह लगभग 70 प्रतिशत उपभोक्ताओं का प्रतिनिधित्व करता है। अतः इस संशोधन के बावजूद, इन 31 लाख जरूरतमंद सामान्य एवं कमजोर वर्ग के उपभोक्ताओं को योजना का लाभ पूर्ववत मिलता रहेगा। इन 31 लाख परिवारों में 15 लाख बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवार भी शामिल हैं, जिन्हें पूर्ववत 30 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलती रहेगी। इसके साथ ही वे हॉफ बिजली बिल योजना के तहत अन्य सभी लाभों से भी यथावत लाभान्वित रहेंगे।

छत्तीसगढ़ सरकार प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना को भी तेज़ी से लागू कर रही है, जिसके अंतर्गत उपभोक्ताओं को रूफटॉप सोलर प्लांट स्थापित करने पर केंद्र और राज्य सरकारों से अधिकतम  ₹1,08,000/- तक की सब्सिडी दी जा रही है।इस योजना के तहत 1 किलोवॉट क्षमता के सोलर प्लांट से प्रतिमाह औसतन 120 यूनिट बिजली उत्पादन होता है, जिस पर ₹ 30,000 केंद्र से व ₹ 15,000 राज्य से, कुल ₹ 45,000 की वित्तीय सहायता दी जाती है। उपभोक्ता को लगभग ₹ 15,000 स्वयं वहन करने होते हैं।

इसी प्रकार 2 किलोवाट प्लांट के लिए प्रतिमाह औसतन 240 यूनिट उत्पादन संभव है, जिस पर ₹ 90,000 तक कुल सब्सिडी (₹ 60,000 केंद्र $ ₹ 30,000 राज्य) मिलती है। उपभोक्ता को केवल ₹ 30,000 खर्च करना होता है।

3 किलोवाट क्षमता के प्लांट से प्रतिमाह औसतन 360 यूनिट उत्पादन संभव है, और इसमें ₹ 78,000 केंद्र $ ₹ 30,000 राज्य यानी कुल ₹1,08,000 की सहायता मिलती है। उपभोक्ता को केवल ₹ 72,000 वहन करना पड़ता है, जो ऋण पर भी उपलब्ध है।

उल्लेखनीय है कि 2 किलोवाट या अधिक क्षमता वाले प्लांट लगाने वाले उपभोक्ता प्रतिमाह 200 यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन 25 साल तक कर सकते हैं, जो हॉफ बिजली योजना से मिलने वाली अधिकतम छूट (400 यूनिट पर 200 यूनिट रियायत) से भी ज्यादा है। ऐसे उपभोक्ता अपने घर में सौर ऊर्जा से उत्पन्न विद्युत का उपयोग कर न सिर्फ बिजली खर्च से मुक्ति पा सकते हैं, बल्कि अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में प्रवाहित कर आय भी अर्जित कर सकते हैं। प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली, स्थायी बचत और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरित करेगी। साथ ही, पर्यावरण के प्रति उत्तरदायित्व निभाने की दिशा में भी यह एक बड़ा कदम साबित होगा। इससे छत्तीसगढ़ के उपभोक्ता हॉफ बिजली बिल से मुफ्त बिजली बिल योजना की ओर स्वाभाविक रूप से अग्रसर होंगे। उपभोक्ता किसी भी योजना पर निर्भर न रहते हुए स्वयं अपनी छत पर ऊर्जा उत्पादन कर “उर्जादाता” बनेंगे। यह रणनीतिक पहल राज्य को स्वच्छ ऊर्जा, आर्थिक बचत और ऊर्जा स्वतंत्रता की दिशा में आगे बढ़ाएगी। इस योजना का लाभ उपभोक्ताओं को पूर्णतः आनलाइन प्रकिया के तहत दिया जा रहा है। जिसके तहत उपभोक्ता स्वयं ऑनलाईन पोर्टल https://pmsuryaghar.gov.in/#/  पर लॉग इन कर अथवा पीएम सुर्यघर मोबाइल ऐप, CSPDCL  के वेबसाइट, मोर बिजली ऐप एवं बिजली कंपनी की टोल फ्री नंबर 1912 पर कॉल कर आवेदन कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए  CSPDCL  के नजदीकी बिजली दफ्तर में संपर्क कर सकते है। इस स्कीम के तहत उपभोक्ता सौर प्लांट के स्थापना हेतु वेंडर का चयन ऑनलाइन खुद कर सकते हैं। सौर प्लांट स्थापित होने के बाद केन्द्र एवं राज्य से प्राप्त होने वाली सब्सिडी राशि सीधे उपभोक्ता के खाते में प्राप्त होगी।